सोमवार के दिन महादेव की पूजा क्यों की जाती है?
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है, और इस दिन महादेव की पूजा करने के कई धार्मिक और आध्यात्मिक कारण हैं:
चंद्रमा का संबंध – सोमवार का संबंध चंद्रमा से है, और चंद्रमा को भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। शिव जी को "सोमनाथ" भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "चंद्रमा के स्वामी"। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रदेव को शिव जी ने श्रापमुक्त किया था, इसलिए चंद्रमा से जुड़े इस दिन शिव जी की पूजा की जाती है।
पार्वती जी की तपस्या – माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा था। इसलिए इसे "सोलह सोमवार व्रत" के रूप में भी किया जाता है, जिससे विवाह में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
समुद्र मंथन – जब देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया, तब विष निकला था, जिसे भगवान शिव ने ग्रहण कर लिया। इससे उनका कंठ नीला हो गया और वे "नीलकंठ" कहलाए। देवताओं ने उनकी कृपा पाने के लिए विशेष रूप से सोमवार को उनकी पूजा की शिवजी का शांत स्वभाव – भगवान शिव को शांत, सौम्य और दयालु देवता माना जाता है। सोमवार का दिन मन की शांति और मानसिक संतुलन के लिए उत्तम माना जाता है, इसलिए भक्त इस दिन शिव जी की आराधना करते हैं।
सौभाग्य और समृद्धि – मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से सोमवार का व्रत रखते हैं और शिव जी की पूजा करते हैं, उन्हें सुख-समृद्धि, सौभाग्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इस दिन विशेष रूप से "ऊँ नमः शिवाय" मंत्र का जाप, शिवलिंग पर जल/दूध चढ़ाना, बेलपत्र अर्पित करना और शिव चालीसा पढ़ना शुभ माना जाता है।
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